ट्राइकोग्रामा (ट्राइकोकार्ड) जैव जीव नाशी : जैविक खेती के अंतर्गत बेहतर फसल रक्षक का विकल्प,जाने महत्व व उपयोगिता (Bio Pesticides)

ट्राइकोग्रामा (ट्राइकोकार्ड) जैव जीव नाशी : जैविक खेती के अंतर्गत बेहतर फसल रक्षक का विकल्प,जाने महत्व व उपयोगिता (Bio Pesticides) :

यह ट्राइकोग्रामा जाति की छोटी ततैया जो अंड परजीवी हैजोकि लैपीडोप्टेरा परिवार के लगभग 200 प्रकार के नुकसानदेह कीड़ों के अंडों को खाकर जीवित रहता है। इस ततैया की लम्बाई 0.4 से 0.7 मिमी. होती है तथा इसका जीवनचक्र निम्न प्रकार है –

अंडा देने की अवधि 
16-24 घण्टे
लार्वा अवधि
2-3 दिन 
प्यूपा पूर्व अवधि
दिन
प्यूपा अवधि
2-3 दिन 
कुल अवधि
8-10 दिन (गर्मी) 
9-12 दिन (जाड़ा) 
मादा ट्राइकोग्रामा अपने अंडे हानि पहुंचाने वाले कीड़ों के अंडों के बीच देती है तथा वहीं पर इनकी वृद्धि होती है एवं ट्राइकोग्रामा का जीवन चक्र पूरा होता है। ततैया अंडो. में छेंदकर बाहर निकलता है। ट्राइकोग्रामा की पूर्ति कार्ड के रूप में होती हैजिसमें एक कार्ड पर लगभग 20000 अंडे होते हैं। धानमक्कागन्नासूरजमुखीकपासदलहनफलों एवं सब्जियों के नुकसानदायक तनाछेदकफलवेधकपत्ती लपेटक प्रकार के कीड़ो का जैविक विधि से नाश करने हेतु ट्राइकोग्रामा का प्रयोग किया जाता है। इससे 80 से 90 प्रतिशत क्षति को रोका जा सकता है।
ट्राइकोकार्ड को विभिन्न फसलों में 10 से 15 दिन के अंतराल पर से बार लगाया जाता है। खेतों में जैसे ही हानिकारक कीड़ों के अंडे दिखाई देंतुरन्त ही कार्ड को छोट-छोटे समान टुकड़ों में कैंची से काट कर खेत के विभिन्न भागों में पत्तियों की निचली सतह पर या तने पत्तियों के जोड़ पर धागे से बांध दे। सामान्य फसलों में किन्तु बड़ी फसलों जैसे गन्ना में 10 कार्ड प्रति हेक्टेयर का प्रयोग किया जाय। इसे सांयकाल खेत में लगाया जाय किन्तु इसके उपयोग के पहले उपयोग के पहलेउपयोग के दौरान व उपयोग के बाद खेत में रासायनिक कीटनाशक का छि़कावा न किया जाय।

ट्राइकोकार्ड को खेत में प्रयोग करने से पूर्व तक से 10 डिग्री से तापक्रम पर बर्फ के डिब्बे या रेफ्रिजरेटर में रखना चाहिए।