नवम्बर माह का कृषि पंचांग/कृषि कैलेंडर( Agriculture Calender for Novem ber) नवम्बर महीने में किये जाने वाले खेती किसानी के कार्य- फसल...
नवम्बर माह का कृषि पंचांग/कृषि कैलेंडर(Agriculture Calender for November)
नवम्बर महीने में किये जाने वाले खेती किसानी के कार्य-
फसलोत्पादन
धान
- धान की शेष पकी फसल की कटाई कर लें।
गेहूँ
- धान की कटाई के बाद गेहूँ के लिए खेत की तैयारी तत्काल
कर लें। देख लें कि मिट्टी भुरभुरी हो जाये और ढेले न रहने पायें।
- गेहूँ में बोआई का सबसे अच्छा समय 15 से 30 नवम्बर तक का
है। इस बीच गेहूँ की बोआई हर हालत में पूरी कर लें।
- प्रमाणित और शोधित बीज ही बोयें।
- यदि बीज शोधित न हो तो प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम
से शोधित कर लें।
- पी०बी०डब्ल्यू० 343,पी०बी०डब्ल्यू०-502, डी०बी०डब्ल्यू०-39, यू०पी० 2382 एच०यू०डब्ल्यू० 510 गेहूँ की उपयुक्त किस्में हैं।
- खाद और बीज एक साथ डालने के लिए फर्टी-सीड ड्रिल का
प्रयोग करना अच्छा होगा।
जौ
- पूर्वी उत्तर प्रदेश में सिंचित क्षेत्र होने की दशा
में जौ की बोआई 15 नवम्बर तक और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा बुन्देलखण्ड के
इलाके में 15 से 30 नवम्बर के मध्य पूरी कर लें।
- यदि बीज प्रमाणित न हो तो बोआई से पूर्व कैप्टान या
थीरम से उपचारित करें।
राई
- बोआई के 15-20 दिन के बाद घने पौधों की छँटनी करके पौधों की आपसी
दूरी 15 सेमी कर लें।
- बोआई के 5 सप्ताह के बाद पहली सिंचाई और फिर ओट आने पर प्रति
हेक्टेयर 75 किग्रा नाइट्रोजन का छिड़काव करें।
चना
- बोआई के 30-35 दिन के बाद निराई-गुड़ाई कर लें।
मटर
- मटर में बोआर्इ के 20 दिन के निराई
कर लें।
- बोआई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई करें। फिर 6-7 दिन बाद ओट
आने पर हल्की गुड़ाई भी कर दें।
मसूर
- बोआई के लिए 15 नवम्बर तक का समय अच्छा है।
- शेखर-2, शेखर-3, पंत मसूर-4, पंत मसूर-5 या नरेन्द्र मसूर प्रजातियाँ उपयुक्त हैं।
शीतकालीन मक्का
- सिंचार्इ की सुनिश्चित व्यवस्था होने पर रबी मक्का की
बोआई माह के मध्य तक पूरी कर लें।
- बोआई के लगभग 25-30 दिन बाद पहली सिंचाई कर दें।
- पौधों के लगभग घुटने तक की ऊँचार्इ के होने या बोआर्इ के लगभग 30-35 दिन बाद
प्रति हेक्टेयर 87 किग्रा यूरिया की टाप ड्रेसिंग कर
दें।
शरदकालीन गन्ना
- बोआर्इ के 3-4 सप्ताह बाद निराई-गुड़ाई कर लें।
बरसीम
- बोआई के बाद 2-3 सिंचार्इ एक-एक हफ्ते पर और फिर आवश्यकतानुसार हर 20-25 दिन पर करते
रहें।
- बोआई के 45 दिनों के बाद पहली कटार्इ करें।
जई
- नवम्बर का पूरा महीना चारे हेतु जई बोने के लिए अच्छा
है।
- जई की केन्ट यू०पी०ओ०-94, यू०पी०ओ०-212, फ्लेमिंग
गोल्ड किस्में अच्छी हैं।
सब्जियों की खेती
- आलू की कुफरी बहार, कुफरी बादशाह, कुफरी अशोका, कुफरी सतलज, कुफरी आनन्द तथा लाल छिलके वाली कुफरी सिन्दूरी और
कुफरी लालिमा मुख्य प्रजातियाँ हैं।
- आलू की बोआई यदि अक्टूबर में न हो पायी हो तो अब जल्दी
पूरी कर लें।
- टमाटर की बसन्त/ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिए पौधशाला में
बीज की बोआई कर दें।
- प्याज की रबी फसल के लिए पौधशाला में बीज की बोआई
करें।
फलों की खेती
- आम एवं अन्य फलों के बाग में जुताई करके खरपतवार नष्ट
कर दें।
- आम में मिलीबग कीट के नियंत्रण हेतु तने और थाले के
आसपास मैलाथियान 5 प्रतिशत एवं फेनेवैलरेट 0.4 प्रतिशत घूल 250 ग्राम प्रति
पेड़ के हिसाब से तने के चारों तरफ बुरकाव तथा तने के चारों
ओर एल्काथीन की पट्टी लगायें।
- केले में पर्ण धब्बा एवं सड़न रोग के लिए 1 ग्राम
कार्बेन्डाजिम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।
पुष्प व सगन्ध पौधे
- देशी गुलाब की कलम काटकर अगले वर्ष के स्टाक हेतु
क्यारियों में लगा दें।
- ग्लेडियोलस में स्थानीय मौसम के अनुसार सप्ताह में एक
या दो बार सिंचाई करें।
पशुपालन/दुग्ध विकास
- संतति को खीस (कोलेस्ट्रम) अवश्य खिलायें।
- दुहने से पहले थन को साफ पानी से धोयें तथा बर्तन व
वातावरण भी स्वच्छ रखें।
मुर्गीपालन
- लेयर फीड और सीप का चूरा दें।