नीम का तेल (एजाडिरेक्टिन) जैव कीटनाशी,गोलवर्म, तेलाचेंपा (माहूँ), सफेद मक्खियां भृंग, फुदका, कटुआ सूंडी तथा फल बेधक सूंडी की रोकथाम हेतु इ...
नीम का तेल (एजाडिरेक्टिन) जैव कीटनाशी,गोलवर्म, तेलाचेंपा (माहूँ), सफेद मक्खियां भृंग, फुदका, कटुआ सूंडी तथा फल बेधक सूंडी की रोकथाम हेतु इसे जरूर आजमायें
यह नीम के बीच एवं गूदा के तत्वो पर आधारित तरल वानस्पतिक कीटनाशक है। इसकी गंध एवं स्वाद कीड़ों को भगाती है, खाने की अनिच्छा उत्पन्न करती है एवं जीवन चक्र को धीमा एवं प्रजननशीलता को कमजोर बनाकर अंडे तथा बच्चों की संख्या में कमी लाती है।
नीम का तेल कपास, चना, धान, अरहर, तिलहन तथा टमाटर में नुकसान पहुंचाने वाले गोलवर्म, तेलाचेंपा (माहूँ), सफेद मक्खियां भृंग, फुदका, कटुआ सूंडी तथा फल बेधक सूंडी पर प्रभावशाली है। खड़ी फसल में कीट नियंत्रण हेतु एजाडिरेक्टिन (नीम का तेल) 0.15 प्रतिशत ई.सी. की 2.5 ली० मात्रा प्रति हे० की दर से 15 दिन के अन्तराल पर सायंकाल छिडकाव करना चाहिये। इसकी सेल्फ लाइफ एक वर्ष है।