गौ पालन कैसे करें ? पशु पालन की योजना : वत्स पालन प्रोत्साहन योजना की जानकारी हिंदी में पढ़ें,How to follow cow Planning for animal husbandry: Information of the Vatsas Approval Incentive Scheme read in Hindi
गौ पालन कैसे करें ? पशु पालन की योजना : वत्स पालन प्रोत्साहन योजना की जानकारी हिंदी में पढ़ें,How to follow cow Planning for animal husbandry: Information of the Vatsas Approval Incentive Scheme read in Hindi
गौ पालन कैसे करें ? पशु पालन की योजना : वत्स पालन प्रोत्साहन योजना की जानकारी हिंदी में पढ़ें
सं.क्र. | योजना | विवरण |
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1. | उददेश्य | योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में भारतीय देशी नस्ल के गौवंश को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करना एवं उनके पास उपलब्ध उच्च आनुवाशिंक गुणों वाले वत्सों का संरक्षण एवं संर्वधन करना है। |
2. | योजना | ऐसे पशुपालक जिनके पास भारतीय देशी उन्नत नस्ल के पशु (गाय) है तथा जिनका दुग्ध उत्पादन उस नस्ल के पशुओं के औसत दुग्ध उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है एवं उसका वत्स उच्च आनुवाशिंक क्षमता वाले भारतीय नस्ल के सांड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान अथवा प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा पैदा हुआ है। ऐसी गायों के पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राशि रू.5000.00(पांच हजार) एवं उनके वत्सों के संरक्षण हेतु राशि रू.500.00(रूपये पांच सौ) प्रतिमाह पशु आहार/औषधी के रूप में 0-4 माह की उम्र से दो वर्षो तक प्रदाय की जाएगी। इस योजना में नर एवं मादा दोनो प्रकार के वत्स लाभान्वित हो सकेंगे। |
3. | हितग्राही | यह योजना सभी वर्ग के हितग्राहियों के लिए है। |
4. | योजना इकाई | भारतीय देशी उन्नत नस्ल की ऐसी गायें जिनका दुग्ध उत्पादन उनकी नस्ल के औसत उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है। एवं उनका वत्स उच्च आनुवाशिंक क्षमता वाले भारतीय सांडो के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान / प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा उत्पन्न हुआ है। |
5. | इकाई लागत | 17000/- (रूपये सत्रह हजार मात्र) शत-प्रतिशत् अनुदान। राशि हितग्राही एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के संयुक्त खाते में जमा कर योजना की आवश्यकता अनुसार समय-समय पर आहरित की जाएगी। |
6. | अनुदान | ऐसे समस्त पशुपालक जिनके पास भारतीय देशी उन्नत नस्ल के गौवंशीय पशु, जिनका दुग्ध उत्पादन उस नस्ल के पशुओं के औसत दुग्ध उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है एवं उनका वत्स भारतीय देशी उन्नत नस्ल के सांड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान/प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा पैदा हुआ है। का पंजीयन एवं चयन विभाग द्वारा किया जाएगा। चयन समिति के समक्ष गायों के तीन बार के दोहन का औसत निकाला जाएगा एवं उच्च क्रम से प्रारंभ करते हुये उपलब्ध बजट अनुसार पशुपालकों को लाभान्वित किया जा सकेगा। |
7. | चयन प्रक्रिया | जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें समिति के अध्यक्ष होंगे एवं दो पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/ पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी सदस्य होंगे। |
8. | संपर्क | जिले के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी/पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी/पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ एवं उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें। |