गाय का दूध उत्पादन बढ़ाने के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्ख़े । Cow Milk production tips in hindi,
गाय का दूध पोषक तत्वों से भरा होता है । लेकिन कई बार गाय कम दूध दे पाते हैं । इसके लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाकर ही गाय की दूध की क्षमता बढ़ाई जा सकती है । घरेलू नुस्खोें को अपनाकर गाय के दूध दोहन की क्षमता बढ़ाई जा सकती है ।
Cow Milk production Herbal tips in hindi : गाय का दूध बच्चों के लिए अमृत माना जाता है । दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है ।कुछ प्रजाति की गाय बहुत अधिक दुग्ध उत्पादन करती हैं, जबकि कुछ प्रजाति की गायों का दूध सामान्य स्तर का होता है. पहले लोग ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन लगाकर दूध अधिक दोह लेते थे. लेकिन इसके बॉडी पर निगेटिव इफेक्ट और अन्य परेशानियों को देखते हुए इसकी बिक्री बैन कर दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि गाय के दूध बढ़ाने के लिए किसी तरह की दवा या फिर इंजेक्शन की जरूरत नहीं है. साधारण नुस्खों को अपनाकर गाय के दूध दोहन की क्षमता बढ़ाई जा सकती है. आज हम ऐसे ही नुस्खों पर बात करते हैं, जिन्हें आजमाकर गाय के दूध की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है ।
Cow Milk production tips in hindi । गाय में दूध उत्पादन क्षमता कैसे बढ़ायें हिन्दी में-
घटक - 1. शतावर - 500 gm 2. मुलेठी - 500 gm 3. अश्वगंधा - 500 gm 4. जीरा - 500 gm सबको पीस कर मिलाकर पुड़िया बनाना है । गाय के बच्चा देने के तिथि से 20 दिन पूर्व से 250 ग्राम गुड़ मीठा में उड़िया मिलाकर प्रतिदिन खिलाना है। यानी 1 दिन में सिर्फ एक पुड़िया ऐसे 50 दिन तक लगातार खिलाना है। फिर दूसरा डोज फिर से 50 दिन का चलेगा। पहले डोज खत्म होने के 100 दिन बाद देसी गाय हर बियान में 30% दूध ज्यादा देगी। यानी हर बयान पर 30% दूध बढ़ेगा। तीसरे ब्यान में दूध दुगना हो जाएगा। लेकिन यह औषधि सिर्फ देसी गाय को देना है। जर्सी या फ्रीजन गाय की हड्डी को यह कमजोर कर देता है। कैल्शियम की कमी कर देता है जो आगे जानलेवा होगा। यह औषधि अपने देसी गाय के लिए ही है।सरसों का तेल और आटा, ऐसे बढ़ जाएगा दूध
ये बेहद साधारण नुस्खा है, जोकि सभी लोगों के घर में मौजूद होता है. सरसों के तेल और आटे की दवा बनाकर गाय को खिलाने से उसके दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है. जान लेते हैं कि दवा बनती कैसे है? करीब 300 ग्राम सरसों का तेल और 250 ग्राम आटा लें. दोनों को मिलाकर रख दें. शाम को जब पानी पिला दिया जाए और चारा खिला दें. उसके बाद यह दवा गाय को खिला देना चाहिए. इस दवा के खाने के बाद पानी नहीं देना है और न ही पानी के साथ यह दवा देनी है. 7 से आठ दिन तक इस दवा को डेली खिलाना होगा. जो पोषक चारा गाय को रहे हैं. उसे देना जारी रखें. धीरे धीरे गाय का दूध बढ़ना शुरू हो जाएगा.
दूध बढ़ाने के लिए लोबिया भी फायदेमंद
लोबिया दूध बढ़ाने के लिए पशुओं के अच्छे चारे के तौर पर देखा जाता है. वेटरनिटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार, लोबिया में औषधीय गुण होते हैं. यह नेचुरल ही दूध बढ़ाने का काम करता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर भरपूर होते हैं. इससे यह पचने में आसान होती है. लंबे समय तक लोबिया घास खिलाने से गाय के दूध की क्षमता कापफी बढ़ जाती है.
इस देशी औषधि से भी बढ़ सकता है दूध
गाय के दूध बढ़ाने के लिए देशी औषधि का भी प्रयोग किया जा सकता है । इसके लिए 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ सर्बत आवटी, 50 ग्राम मैथी, एक कच्चा नारियल, 25 ग्राम जीरा, 25 ग्राम अजवाइन की जरूरत होती है. इसे बनाने के तरीके की बात करें तो सबसे पहले दलिया, मैथी, गुड़ पका लें. बाद में नारियल पीसकर मिला दें. ठंडा होने पर पशु को खिला दें. दो महीने तक खाली पेट पशु को खिलानी होगी । यह प्रक्रिया गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू करनी होगी । जब बच्चा हो जाएगा तो उसके एक महीने बाद तक यह दवा खिलानी होगी । 25-25 ग्राम अजवाईन व जीरा बछड़ा होने के केवल 3 दिन बाद तक ही देना चाहिए । बछड़ा होने के 21 दिन बाद तक गाय को सामान्य भोजन ही देते रहें. इससे दूध की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी ।
देशी गाय के दूध उत्पादन बढ़ाने के इन आयुर्वेदिक नुस्खों को भी आजमा सकते हैं -
1. दुधारु पशुओं गेहूं, मक्का, जौ, चना दाल का छिलका, सरसों, बिनौले की खली दें ।
2. हल्दी, शतावर, अजवाइन, सौंठ, सफेद मूसली आदि दें ।
3. चारे के साथ मिनरल, कैल्शियम, फाइबर, काब्रोहाइडेट युक्त पोषक तत्व दें ।
4. मिनरल्स के लिए प्रो पाउडर, मिल्क बूस्टर, मिल्कगेन दे सकते हैं ।
5. पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पिलाएं, ताजे पानी से नहलाएं ।
दुधारू गाय का दूध बढ़ाने के लिए अन्य निम्नलिखित पारंपरिक तरीके हैं - 6. प्रतिदिन हरी ताजी घास पेटभर खिलाना।
7. दूध दुहकर उसीको पिला देना।
8. गुड़ एक भाग और जौ तीन भाग एक साथ पकाकर रोज खिलाना।
9. गोभी और पत्ता गोभीकी पत्तियाँ खिलाना।
10. पपीते के कच्चे फल और पपीते की पत्ती पीसकर गुड़ मिलाकर खिलाना।
11. सनके फूल, महुआके फूल, घास और गुड़ जलमें उबालकर खिलाना।
12. ऊख का रस निकाल लेनेपर बचा हुआ कूचा खिलाना।
13. तीसी की खल्ली और उबाला हुआ मटर खिलाना।
14. खेसारी की दाल के साथ गेहूँ उबालकर खिलाना।
15. ग्वार खूब पकाकर या रातभर जल में भिगोकर खिलाना।
16. गुड़ और काँजी मिलाकर खिलाना।
17. घी, मैदा और गुड़ मिलाकर पकाकर खिलाना।
इससे खूब दूध बढ़ता है।
18. बीजवाले केले को चावलके साथ उबालकर खिलाना।
19. पके या कच्चे बेल को उबालकर खिलाना।
20. पलास और सेमल के फूल खिलाना।
21. प्रसव के तीसरे दिन उड़दका दलिया आधा सेर, नमक एक छटाँक, हल्दी आधी छटाँक और पीपल का चूर्ण एक छटाँक-इन सब चीजोंको मिलाकर पानी में पका लेना चाहिये और फिर उसमें पावभर गुड़ मिलाकर कुछ गरम-गरम ही संध्याके समय गायको खिलाना चाहिये। इससे दूध बहुत बढ़ता है।
22. गिलोय की पत्ती और उसकी बेल खिलाने से भी दूध बहुत बढ़ता है।
23. जीरा 10 भाग, नमक 10 भाग, सौंफ 10 भाग, लाँग 5 भाग, सफेद चन्दन 2 भाग, फिटकिरी 1 भाग और नाइट्रेट आफ पोटाशियम 1 भाग-इन सब चीजोंको कूटकर रखे और सुबह- शाम दोनों वक्त एक एक मुट्ठी गायके दाने के साथ मिला दे तो खूब दूध बढ़ता है।
24. बाँस की पत्ती आधी छटाँक उबालकर उसमें थोड़ी-सी अजवाइन और गुड़ मिलाकर खिलानेसे दूध बढ़ता है।
25. प्रसव के बाद दूध बंद होकर यदि थन कड़ा हो जाय तो रेड़ीके पत्तोंसे सेक करना चाहिये।
26. गाय के दूध बढ़नेका सर्वोत्तम तरीका यह है कि गाय को उसी साँढ़ से गर्भ ठहराया जाय जिसकी माँ बहुत ज्यादा दूध देनेवाली रही हो।