मत्स्य पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें रोजगार सृजन तथा आय में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं | सबसे ख़ास बात यह है, कि भारतीय इतिहास में मछ...
मत्स्य पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें रोजगार सृजन तथा आय में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं | सबसे ख़ास बात यह है, कि भारतीय इतिहास में मछली को दर्शन और भोजन दोनों ही दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है| मत्स्य उत्पादन के मामले में पूरे विश्व में भारत दूसरे स्थान पर है, जबकि चीन पहले स्थान पर है| वर्तमान समय में सरकार द्वारा मत्स्य पालन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनायें चलायी जा रही है, जिसके माध्यम से मछली पालन करनें वाले लोगो को लोन के रूप में धनराशि के साथ-साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है| यदि आप भी मछली पालन के लिए लोन चाहते है, तो आईये जानते है कि मत्स्य पालन के लिए लोन कैसे लें, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म और डाक्यूमेंट्स के बारें में |
मत्स्य पालन से सम्बंधित जानकारी (Fisheries Information)
मछली पालन को अंग्रेजी में अंग्रेजी में फिशरीज (Fisheries) कहते है | हम सभी जानते है, कि हमारे देश की अधिकांश जनसँख्या गांवों में निवास करती है | भारत सरकार नें इन लोगो की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करनें तथा स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए के उद्देश्य से मत्स्य पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है | इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो को पट्टे पर तालाब दिलाना, उन्नत प्रकार के मत्स्य बीज उपलब्ध कराना और मछली पालन से सम्बंधित तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करनें आदि की सुविधाये प्रदान की जा रही है|
मत्स्य पालन हेतु सरकार द्वारा मिलनें वाली सुविधाएँ (Facilities Provided By Government For Fisheries)
दरअसल मछली पालन किसानों और अन्य लोगो के लिए सबसे सुरक्षित और कम भूमि में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है| इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकार किसानों को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है, यहाँ तक कि केंद्र तथा राज्य सरकार बजट में अलग से व्यवस्था की जाती है | सबसे ख़ास बात यह है, कि इस को शुरू करनें के लिए कम पूंजी की आवश्यकता होती है। जिसके कारण इस इस उद्योग को बड़ी सरलता से शुरू किया जा सकता है | आपको बता दें, कि केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करनें की योजना बनायीं गयी है| इसके अंतर्गत मछली उत्पादन को बढ़ावा देने तथा छोटे मछुआरों के सामनें आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करनें के लिए ऋण या लोन के रूप में धनराशि प्रदान की जाएगी|
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का शुभारम्भ किया है| सरकार इस स्कीम को आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक सभी प्रदेशों और संघ शासित राज्यों में लागू करनें का लक्ष्य निर्धारित किया है| इस योजना को सबसे पहले उत्तर प्रदेश में शुरू किया गया है, इस योजना के अंतर्गत मत्स्य पालको को बैंक ऋण के साथ-साथ निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जायेगा|
मत्स्य पालन के लिए लोन कैसे लें । (How To Get Loan For Fisheries)
यदि आप मत्स्य पालन से सम्बंधित कोई व्यवसाय करना चाहते है, परन्तु धन के अभाव में आप अपना व्यवसाय शुरू करनें में असमर्थ है, तो आपको इसके लिए परेशान होनें की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए इस समय युद्धस्तर कार्य कर रही है| यहाँ तक कि यदि आपके पास जमींन है और आप अपनी जमींन को तालाब में परिवर्तित कर मत्स्य पालन करना चाहते है, तो इसके लिए भी सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है|
मत्स्य एक्सपर्ट्स के मुताबिक लगभग 1 हेक्टेयर तालाब के निर्माण में लगभग 5 लाख रुपये का खर्च आता है| जिसमें से कुल राशि का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार, 25 प्रतिशत राज्य सरकार अनुदान देती है और शेष 25 प्रतिशत मछली पालक को देना होता है। यदि तालाब पहले से बना हुआ है, परन्तु मत्स्य पालन के लिए उसमें काफी सुधार की आवश्यकता है | इस प्रकार के तालाबों के लिए भी सरकार खर्च के हिसाब से केंद्र और राज्य सरकार अनुदान देती है, जिसमें से 25 फीसदी मछली पालक को देना होता है।
मछली पालन हेतु लोन लेने के लिए सबसे पहले अपनें राज्य में मत्स्य पालन से सम्बंधित संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त करे, यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी है तो आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत लोन के लिए आवेदन कर सकते है |
मत्स्य पालन हेतु लोन कौन ले सकता है । (Who Can Take Loan For Fisheries)
मत्स्य पालक, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उद्यमी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएं, निजी फर्म, फिश फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन / कंपनीज आदि लोन अर्थात ऋण के लिए आवेदन कर सकते है |
मत्स्य पालन लोन लेने हेतु पात्रता (Eligibility for Fisheries Loan)
मत्स्य पालन हेतु लोन लेने के लिए आपको किसी विशेष पात्रता की आवश्यकता नहीं पड़ती है | मत्स्य पालन व्यवसाय शुरू करनें से पूर्व आपको मत्स्य विभाग द्वारा दिए जाने प्रशिक्षण को प्राप्त करना आवश्यक होता है और प्रशिक्षण के दौरान 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रशिक्षण भत्ता दिया जाता है|
आवश्यक दस्तावेज (Important Documents)
- आवेदक का आधार कार्ड (Aadhar Card)
- निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
- यदि जमीन या तालाब का इंतखाप
- दो पासपोर्ट साइज की फोटो (Passport Size Photo)
- प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
- प्रार्थी को शपथ पत्र देना होगा, कि वह बेरोजगार है
यदि जमीन या तालाब पट्टे पर लिया है, तो
- शपथ पत्र |
- इकरारनामा |
- तालाब की नकल जमाबंदी एंव हक सिजरा |
- पट्टा धनराशी की रसीद (फार्म 4 पर) |
- इकरारनामा मछली पालक और ग्राम पंचायत के बीच में |
- नकल प्रस्ताव ग्राम पंचायत तालाब पट्टे पर देने के बारे में |
मछली पालन लोन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म (Fisheries Loan Application Process)
मछली पालन हेतु लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको अपनें क्षेत्र के मत्स्य पालन विभाग में संपर्क कर सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए| कार्यालय में आपको सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारें में भी बताया जायेगा| आप अपनें राज्य में चलनें वाली योजनाओं के अंतर्गत आवेदन कर सकते है|
इसके आलावा आप लोन के लिए किसी भी बैंक में संपर्क कर सकते है| यदि आप प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते है, तो इसके लिए बैंक द्वारा आपको एक आवेदन फार्म दिया जायेगा| जिसे भरनें के पश्चात लोन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी| आपको बता दें, कि प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की गयी है|
मछली का पालन पट्टे पर पंचायती तालाबों को लेकर (Fish Farming on Lease with Panchayati Ponds)
इस योजना के तहत गांव के किसानो को ग्राम पंचायत की और से ग्रामीण तालाबों को 5 से 10 वर्षो के लिए पट्टे पर दिया जाता है| इसके बाद इन पट्टे पर दिए गए तालाबों में मत्स्य पालन करवाया जाता है| मछली पालन लोन योजना के तहत मछली पालन करने वाले लोगो को सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है| योजना के तहत किसानो को मछली पालन के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायताए इस प्रकार है:-
- तालाब सुधार हेतु मिलने वाली सहायता :- मछली पालन हेतु पट्टे पर मिलने वाले तालाब में सुधार कार्य को करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है| इसमें बाँध बनवाने, गहराई बढ़ाने, इन लेट और आउटलेट जैसे कार्यो को करने में सरकार सहायता करती है| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस तरह के सभी कार्यो को करने के लिए ग्रामोद्योग रोजगार लोन योजना द्वारा बैंको से लोन दिलवाते है| इस पर सरकार 20% तक अनुदान प्रदान करती है|
- खाद्य खुराक बीज सामग्री के लिए अनुदान :- मछली पालन लोन योजना में मछली पालक को मछली के लिए खाद्य खुराक और बीज खरीदने के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है| इन कार्यो को करने लिए सरकार तक़रीबन 30 हज़ार रूपए तक की सहायता देती है, तथा इस प्रकरण पर 20% का अनुदान सरकार देती है|
अपनी भूमि पर तालाब निर्माण योजना (Pond Construction Plan on Your Land)
यदि आपके पास स्वयं की भूमि है, तो आप भी मछली पालन लोन योजना का लाभ लेकर मत्स्य पालन शुरू कर सकते है| इसके लिए सरकार आपको निम्न प्रकार की सहायता और अनुदान प्रदान करती है, जो इस प्रकार है -
- तालाब की खुदाई के लिए सहायता :- यदि आपके पास स्वयं की भूमि है, और आप उसकी खुदाई कर तालाब बनाना चाहते है, तो उसके लिए आपको सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर की भूमि पर 2 लाख रूपए की बैंक लोन सहायता प्रदान की जाती है| इसके अलावा सरकार द्वारा लोन पर भी 20 फीसदी का अनुदान दिया जाता है|
- खाद्य खुराक व बीज खरीद के लिए :- तालाब में पाली गई मछलियों को खाद्य खुराक व् बीज देने के लिए सरकार सहायता प्रदान करती है| इन कार्यो को करने के लिए सरकार अधिकतम 30 हज़ार रूपए का बैंक ऋण प्रदान कर रही है, साथ ही ऋण पर 20% का अनुदान भी दिया जाता है|
- मत्स्य बीज हैचरी का निर्माण के लिए :- अपनी भूमि पर मछली पालन करने और चयनित मत्स्य बीज हैचरी का निर्माण करने के लिए भी सरकार सहायता प्रदान करती है| इसके लिए सरकार 8 लाख रूपए तक बैंक ऋण की सुविधा देती है| इसके साथ ही 10% का अनुदान भी दिया जाता है|
- एकीकृत मछली पालन के लिए सहायता :- मछली पालन लोन योजना में आप मछली पालन के साथ ही डेहरी, मुर्गी या सुअर का पालन भी कर सकते है| सरकार इसके लिए भी सहायता प्रदान करती है| सरकार इसमें 80 हज़ार रूपए तक का ऋण देती है, और उस ऋण पर 20 फीसदी का अनुदान देती है|
- एरिएटर लगाने के लिए सहायता :- मछली पालन में मछलियों का अधिक उत्पादन लेने के लिए उसमे एरिएटर लगाने की जरूरत होती है| सरकार तालाब में एरिएटर लगाने के लिए भी सहायता प्रदान कर रही है| इस कार्य को करने में सरकार 50 हज़ार रूपए तक बैंक ऋण दे रही है| इसके साथ ही 20% अनुदान भी दिया जा रहा है|