घृत कुमारी या अलोवेरा/एलोवेरा, जिसे क्वारगंदल या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। इसकी उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई है। यह प्रजाति विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पायी जाती पर इसके निकट संबंधी अलो उत्तरी अफ्रीका में पाये जाते हैं। ग्वारपाठा एंटीइंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर रहता है । यह डायबिटीज को भी कंट्रोल रखता है । घाव को भरता है एलोवेरा में हीलिंग पावर होता है जो तुरंत घाव को भर देता है. कहीं पर भी शरीर में कट हो जाए एलोवेरा के गूदे के वहां लगा दीजिए, बहुत जल्द दर्द से राहत मिलेगी और घाव भरने लगेगा । एलोवेरा एक छोटा पौधा होता है, यह पौधा औषधि गुण के लिए विख्यात है। इस पौधे की लंबाई साठ से सौ सेंटी मीटर तक होती है, तथा इसका उपयोग में लाया जाने वाला भाग एक गुदेदार और रसीला होता है। इसकी पत्तियां एकदम हरी होती हैं या हम कह सकते हैं, कि यह स्लेटी कलर का होता है, परंतु कुछ प्रजातियां ऐसी होती है, जिसमें ऊपरी और निचले भाग में सफेद धब्बे पाए जाते हैं। एलोवेरा की पत्तियों के किनारे भाग पर एक आरी की तरीके से दांत उपस्थित होते हैं।
Health Benefits of Aloe Vera in hindi
सिर दर्द में एलोवेरा के फायदे (Benefits of Aloe Vera in Relief from Headache in Hindi) -
एलोवेरा के फायदे (aloe vera ke fayde) लेकर सिर दर्द से आराम पा सकते हैं। इसके लिए एलोवेरा जेल लें, और इसमें थोड़ी मात्रा में दारु हल्दी (दारुहरिद्रा) का चूर्ण मिला लें। इसे गर्म करके दर्द वाले स्थान पर बांधें। इससे वात और कफ दोष के कारण होने वाले सिरदर्द से आराम मिलता है।
आंखों की बीमारी में एलोवेरा (ग्वारपाठा) के फायदे (Aloe Vera Benefits to Treat Eye Disease in Hindi) -
आप एलोवेरा के औषधीय गुण से आंखों की बीमारी का इलाज कर सकते हैं। एलोवेरा जेल को आंखों पर लगाएंगे तो आंखों की लालिमा खत्म होती है। यह विषाणु से होने वाले आखों के सूजन (वायरल कंजक्टीवाइटिस) में लाभदायक होता है। एलोवेरा का औषधीय गुण आँखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप एलोवेरा के गूदे पर हल्दी डालकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे आंखों पर बांधने से आंखों के दर्द का इलाज होता है।
कान दर्द में एलोवरा के औषधीय गुण फायदेमंद (Aloe Vera Benefits for Ear Pain in Hindi) -
कान दर्द में भी एलोवेरा से लाभ मिलता है। एलोवेरा के रस को हल्का गर्म कर लें। जिस कान में दर्द हो रहा है, उसके दूसरी तरफ के कान में दो-दो बूंद टपकाने से कान के दर्द में आराम (aloe vera ke fayde) मिलता है।
एलोवेरा के सेवन से खूनी बवासीर का इलाज (Aloe Vera Benefits for Piles Treatment in Hindi)-
आप बवासीर में एलोवेरा के प्रयोग से फायदा ले सकते हैं। एलोवेरा जेल (aloe vera ke fayde) के 50 ग्राम गूदे में 2 ग्राम पिसा हुआ गेरू मिलाएं। अब इसकी टिकिया बना लें। इसे रूई के फाहे पर फैलाकर गुदा स्थान पर लंगोट की तरह पट्टी बांधें। इससे मस्सों में होने वाली जलन और दर्द में आराम मिलता है। इससे मस्से सिकुड़कर दब जाते हैं। यह प्रयोग खूनी बवासीर में भी लाभदायक है।
एलोवेरा के सेवन से पीलिया का इलाज (Aloe Vera Uses in Fighting with Jaundice in Hindi)-
पीलिया का इलाज करने के लिए भी एलोवेरा का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसके लिए 10-20 मिलीग्राम एलोवेरा के रस को दिन में दो तीन बार पिलाने से पीलिया रोग में लाभ होता है। इस प्रयोग से कब्ज से मुक्ति पाने में भी मदद मिलती है। एलोवेरा रस की 1-2 बूंद नाक में डालने से भी लाभ होता है। कुमारी लवण को 3-6 ग्राम तक की मात्रा में छाछ के साथ सेवन करें। इससे लीवर, तिल्ली के बढ़ाना, पेट की गैस, पेट में दर्द और पाचनतंत्र से जुड़ी अन्य समस्याओं में लाभ होता है।
लीवर विकार में एलोवेरा (ग्वारपाठा) के फायदे (Aloe Vera Uses for Liver Disorder in Hindi)-
दो भाग एलोवेरा के पत्तों का रस और 1 भाग शहद लेकर उसे चीनी मिट्टी के बर्तन में रखें। इस बर्तन का मुंह बन्द कर 1 सप्ताह तक धूप में रख दें। एक सप्ताह बाद इसे छान लें। इस औषधि को 10-20 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से लीवर से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है।अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट साफ होता है। उचित मात्रा में सेवन करने से मल एवं वात से जुड़ी समस्याएं ठीक होने लगती हैं। इससे लीवर स्वस्थ हो जाता है।
मूत्र रोग में एलोवेरा के औषधीय गुण से लाभ (Uses of Aloe Vera for Urinary Disease in Hindi)-
एलोवेरा के औषधीय गुण से मूत्र संबंधी अनेक रोग में फायदा होता है। इसके लिए 5-10 ग्राम एलोवेरा जेल में चीनी मिलाकर खाएं। इससे पेशाब में दर्द और जलन से आराम मिलता है।
एलोवेरा के औषधीय गुण से खांसी-जुकाम का इलाज (Benefits of Aloe Vera in Fighting with Cough and Cold in Hindi)-
खांसी-जुकाम में एलोवेरा के फायदे (aloe vera ke fayde) लेने के लिए इसका गूदा निकालें। गूदा और सेंधा नमक लेकर भस्म तैयार कर लें। इस भस्म को 5 ग्राम की मात्रा में मुनक्का के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे पुरानी खांसी और जुकाम में लाभ होता है।
पेट की बीमारी में एलोवेरा का सेवन फायदेमंद (Aloe Vera Uses for Abdominal Disease in Hindi)
घृतकुमारी (aloe vera ke fayde) के औषधीय गुण से पेट के रोग में भी लाभ होता है। गूदे को पेट के ऊपर बांधने से पेट की गांठ बैठ जाती है। इस उपचार से आंतों में जमा हुआ मल भी आराम से बाहर निकल जाता है।
- एलोवेरा की 10-20 ग्राम जड़ को उबाल लें। इसे छानकर भुनी हुई हींग मिला लें। इसे पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- एलोवेरा के 6 ग्राम गूदा और 6 ग्राम गाय का घी, 1 ग्राम हरड़ चूर्ण और 1 ग्राम सेंधा नमक लें। इसे मिलाकर सुबह-शाम खाने से वात विकार से होने वाले गैस की समस्या ठीक होती है।
- गाय के घी में 5-6 ग्राम घृतकुमारी के गूदे में त्रिकटु सोंठ, मरिच पिप्प्ली, हरड़ और सेंधा नमक मिला लें। इसका सेवन करने से गैस की समस्या में लाभ होता है। 60 ग्राम घृतकुमारी के गूदे में 60 ग्राम घी, 10 ग्राम हरड़ चूर्ण तथा 10 ग्राम सेंधा नमक मिला लें। इसे अच्छी तरह मिला लें।इसको 10-15 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से वात दोष से होने वाले पेट की गैस की समस्या से निजात मिलता है। इस पेस्ट का सेवन पेट से जुड़ी बीमारियों व वात दोष से होने दूसरे रोगों में भी फायदेमंद होता है।
- एलोवेरा के पत्ते के दोनों ओर के कांटों को अच्छे से साफ कर लें। इसके छोटे-छोटे टुकड़े काटकर मिट्टी के एक बर्तन में रख लें। इसके 5 किलो के टुकड़े में आधा किलो नमक डालकर बर्तन का मुंह बंद कर दें। इसे 2-3 दिन धूप में रखें। इसे बीच-बीच में हिलाते रहें। तीन दिन बाद इसमें 100 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम धनिया, 100 ग्राम सफेद जीरा, 50 ग्राम लाल मिर्च, 6 ग्राम भुनी हुई हींग डाल लें। इसी में 30 ग्राम अजवायन, 100 ग्राम सोंठ, 6 ग्राम काली मिर्च, 6 ग्राम पीपल, 5 ग्राम लौंग भी डाल लें। इसके साथ ही 5 ग्राम दाल चीनी, 50 ग्राम सुहागा, 50 ग्राम अकरकरा, 100 ग्राम कालाजीरा, 50 ग्राम बड़ी इलायची और 300 ग्राम राई डालकर महीन पीस लें। रोगी की क्षमता के अनुसार 3-6 ग्राम तक की मात्रा में सुबह-शाम देने से पेट के वात-कफ संबंधी सभी विकार खत्म होते हैं। सूखने पर अचार, दाल, सब्जी आदि में डालकर प्रयोग करें।
तिल्ली (प्लीहा) विकार एलोवेरा के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Aloe Vera to Treat Spleen Disorder in Hindi)-
तिल्ली बढ़ गई हो तो एलोवेरा के इस्तेमाल से फायदा होता है। 10-20 मिलीग्राम एलोवेरा के रस में 2-3 ग्राम हल्दी चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे तिल्ली के बढ़ने के साथ-साथ अपच में लाभ होता है।
डायबिटीज (मधुमेह) में एलोवेरा के सेवन से फायदा (Uses of Aloe Vera to Controlling Diabetes in Hindi)-
250-500 मिलीग्राम गुडूची सत् (पानी को गर्म कर सुखा कर नीचे बचा हुआ पदार्थ) में 5 ग्राम घृतकुमारी (Aloe Vera) का गूदा मिलाकर लेने से मधुमेह में लाभ होता है। डायबिटीज को नियंत्रित करने में एलोवेरा के औषधीय गुण बहुत फायदेमंद होते हैं।
मासिक धर्म विकार में एलोवेरा के सेवन से लाभ (Aloe Vera Helps to get Relief from Menstrual Disorders in Hindi) -
एलोवेरा के 10 ग्राम गूदे पर 500 मिलीग्राम पलाश का क्षार बुरककर दिन में दो बार सेवन करें। इससे मासिक धर्म की परेशानियां दूर होती हैं। मासिक धर्म के 4 दिन पहले से दिन में तीन बार कुमारिका वटी की 1-2 गोली का सेवन करें। इसे मासिक धर्म खत्म होने तक सेवा करना है। इससे मासिक धर्म के समय होने वाला दर्द, गर्भाशय का दर्द और योनि से जुड़ी अनेक बीमारी से आराम मिलता है।
चेचक के घावों में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits to Treat Chicken Pox in Hindi)-
एलोवेरा जेल के फायदे (aloe vera gel ke fayde) से चेचक में भी लाभ होता है। चेचक होने पर दर्द, जलन और सूजन से राहत पाने के लिए आप एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। चेचक के घावों पर एलोवेरा के गूदे का लेप करने से लाभ होता है।
चर्म रोग में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Uses for Skin Disease in Hindi)-
कई तरह के चर्म रोग में एलोवेरा का प्रयोग करने पर फायदा होता है। अगर आपकी त्वचा पर मस्से निकल आए हैं तो एलोवेरा के पत्ते को एक तरफ से छीलकर मस्सों पर बांधें। इससे मस्से खत्म हो जाते हैं।
बुखार में एलोवेरा से लाभ । (Aloe Vera Benefits in Fighting with Fever in Hindi)-
एलोवेरा के सेवन से बुखार का इलाज किया जा सकता है। एलोवेरा की जड़ से काढ़ा बना लें। 10-20 मिलीग्राम काढ़ा को दिन में तीन बार पिलाने से बुखार ठीक होता है।
कुमारी लवण कैसे बनाएं -
एलोवेरा (घृतकुमारी) के पत्तों का गूदा निकाल लें। बाकी के छिलकों को मटकी में रख लें। इसमें इतनी ही मात्रा में नमक मिलाकर मुंह बंद कर दें। अब इसे गोबर के कंडों की आग पर रख दें। भीतर का पानी जब जलकर काला हो जाए तो इसे महीन पीसकर शीशी में भर लें। इसी को कुमारी लवण कहते हैं।
लिंग में छाले होने पर एलोवारा के फायदे ।(Aloe Vera Helps in Getting Relief from Penis Ulcers in Hindi)-
पुरूषों के यौन संबंधी समस्याओं में एलोवेरा जूस से फायदा होता है। एलोवेरा के साथ जीरा को पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग की जलन और छाले दूर होते हैं। यह प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
गठिया के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है एलोवेरा । (Benefits of Aloe Vera to Treat Arthritis in Hindi)-
जोड़ो के दर्द में भी एलोवेरा के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। 10 ग्राम एलोवेरा जेल नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करें। इससे गठिया में लाभ होता है।
एलोवेरा के सेवन से कमर दर्द का इलाज । (Uses of Aloe Vera in Reducing Backache in Hindi)-
कमर दर्द से परेशान रहते हैं तो एलोवेरा के इस्तेमाल से फायदा ले सकते हैं। गेंहू का आटा, घी और एलोवेरा जेल (एलोवेरा का गूदा इतना हो जिससे आटा गूंथा जाए) लेकर आटा गूंथ लें। इससे रोटी बनाएं। रोटी का चूर्ण बनाकर लड्डू बना लें। रोज 1-2 लड्डू को खाने से कमर दर्द ठीक होता है। एलोवेरा जेल कमर दर्द में दर्दनिवारक दवा की तरह काम करता है।
घाव और चोट में एलोवेरा से लाभ । (Aloe Vera Helps for Healing Wound and Injury in Hindi)-
फोड़ा ठीक से पक न रहा हो तो एलोवेरा के गूदे में थोड़ा सज्जीक्षार और हरड़ चूर्ण मिलाकर घाव पर बांधें। इससे फोड़ा जल्दी पक कर फूट जाता है। घृतकुमारी के पत्ते को एक ओर से छील लें। इस पर थोड़ा हरड़ का चूर्ण बुरक कर हल्का गर्म कर लें। इसे गांठ पर बांधें। इससे गांठों की सूजन दूर होगी। स्त्रियों के स्तन में गांठ पड़ गई हो या सूजन हो गई हो तो एलोवेरा की जड़ का पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा हरड़ चूर्ण मिलाकर गर्म करके बांधने से लाभ होता है। इसे दिन में 2-3 बार बदलना चाहिए। घृतकुमारी का गूदा घावों को भरने के लिए सबसे उपयुक्त औषधि है। रेडिएशन के कारण हुए गंभीर घावों पर इसके प्रयोग से बहुत ही अच्छा फायदा मिलता है। आग से जले हुए अंग पर एलोवेरा के गूदे को लगाने से जलन शांत हो जाती है। इससे फफोले नहीं होते हैं। एलोवेरा और कत्था को समान मात्रा में पीसकर लेप करने से नासूर में फायदा होता है। एलोवेरा के रस को तिल और कांजी के साथ पका लें। इसका लेप करने पर घाव में लाभ होता है। केवल एलोवेरा के रस को पकाकर घाव पर लेप करने से भी लाभ होता है।
ग्वारपाठा की सब्जी खाने के फायदे -
ग्वारपाठा या एलोवेरा की सब्जी बनाकर खाने से स्किन पर बहुत असर दिखता है। इसमे विटामिन सी और ई भरपूर मात्रा में होते हैं। जिससे ना केवल इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि विटामिन ई बालों और स्किन पर तेजी से असर दिखाता है। पानीदार गाढ़े गूदे वाली इस सब्जी में कैलोरी की मात्रा ना के बराबर होती है। इसिलए ये सब्जी वजन कम करने के लिए भी फायदेमंद है। शरीर से टॉक्सिंस निकालने हो या पाचन क्रिया दुरुस्त करना हो एलोवेरा की सब्जी खाने से तमाम तरह के फायदे होते हैं।
ग्वारपाठा की सब्जी बनाने की विधि
एलोवेरा या ग्वारपाठा की सब्जी बनाने के लिए इन सामग्री की जरूरत पड़ेगी।
500 ग्राम एलोवेरा
सरसों का तेल
जीरा
राई
किशमिश
लहसुन की कलियां
लाल मिर्च पाउडर
हल्दी पाउडर
धनिया पाउडर
अमचूर पाउडर
गुड़
एक चुटकी हींग
नमक स्वादानुसार
एलोवेरा की सब्जी बनाने का तरीका -
सबसे पहले एलोवेरा के पत्तों को अच्छी तरह से धोकर कांटों को हटा दें। अब इन एलोवेरा को काटकर उबाल लें। उबालने से पहले इसमे तड़का लगा दें। तड़का लगाने के लिए कूकर में ही तेल डालें। इसमे हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर डालकर मिक्स करें। गुड़ को पानी में घोल लें और इसमे डालकर एलोवेरा को उबाल लें। दूसरे पैन में तेल गर्म करें। इसे राई का तड़का लगाएं। साथ में हींग एक चुटकी डालें। सूखी लाल मिर्च डालकर चटकाएं। अच्छी तरह से भूनने के बाद मसालों के साथ उबले एलोवेरा को मिलाकर रख दें। इसमे किशमिश, कटी हुई हरी मिर्च, हरा धनिया डालकर मिक्स करें। नमक मिलाएं और सब्जी रख दें। करीब दो से तीन घंटे बाद ये सब्जी खाने पर स्वादिष्ट लगेगी।