सर्दियों में हर किसी को अदरक वाली चाय चाहिये। हर कोई अदरक की कड़क चाय का फैन है। साथ ही अदरक का उपयोग डेली के खाने व पकवानों में भी जायका बढ़ाने के लिये। ठंड का मौसम आ गया है। शीतलहर की भी शुरुआत हो गई है।इस मौसम में लोगों के बीमार होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। ठंड के मौसम में दैनिक उपयोग से अदरक इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है।अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे अदरक हमें बीमारियों से भी बचाता है।
इम्युनिटी बूस्टर अदरक को गमले में उगाने की सबसे आसान टिप्स
अदरक के स्वास्थ्य संबंधी भी कई फायदे हैं। इसीलिए आयुर्वेद ग्रंथ ‘चरक संहिता’ में इसे महाऔषधि (सुपर मेडिसिनल हर्ब) का दर्जा दिया गया है।
दादी नानी के नुस्खे में भी कई तरह की बीमारियों के खिलाफ भी अदरक के सेवन की सलाह दी जाती है। अदरक में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, कॉपर, मैंगनीज और क्रोमियम पाए जाते हैं ।
हालांकि, हम सभी लोगों को पता है कि अदरक को खेतों में ही उगाया जाता है।लेकिन कुछ सिंपल टिप्स की मदद से इसे घर की बालकनी में भी गमले में उगाया जा सकता है।
खेती किसानी डॉट ऑर्ग में यहां हम आपको घर के अंदर गमले में अदरक उगाने का सही तरीका के बारे में बता रहे हैं।
गमले में अदरक के पौधे के लिए मिट्टी का चयन और मिट्टी की तैयारी –
अदरक के पौधा बोने के लिए सबसे पहले एक गमला ले लें। गमले को धूप में रखें ताकि उसमें पहले से मौजूद कीटों या रोगणुओं के अंडे नष्ट हो जाएं। या फिर उसे मेन्कोजेब नामक दवा उपचारित कर लें।
मिट्टी और काकपिट को मिक्स कर मिट्टी तैयार कर लें गमले मिट्टी की सही मात्रा डालें। गमले मेने पानी डालकर उसे धूप वाले स्थान पर रख दें। इससे मिट्टी सही तरीके से तैयार हो जाती है।
अदरक के बीज की गमलों में बुवाई
अदरक को अंकुरित करके दो या तीन इंच तक काटकर बीज उपचार मैंकोजेव फफूंदी से करने के बाद ही प्रर्वधन हेतु उपयोग करना चाहिए। इसके बाद गमले में मिट्टी में कम से कम दो या तीन इंच अंदर तक
लगा सकते हैं।
गमलों में लगा अदरक कितने दिन में तैयार हो जाता है –
अदरक में पानी अधिक नहीं डालना चाहिए। इससे पौधे खराब हो सकते हैं। कीड़ो व रोगों से बचाने के लिए नींबू पानी का घोल बनाकर उसका छिड़काव करें। साथ ही बता दें अदरक को उगने में 20 से 25 दिन का समय लगता है. 25 दिनों बाद गमले से अदरक निकालकर उपयोग किया जा सकता है।