sahjan ke fayde सहजन को अगर हम पोषण का अमृत भी कहें तो कोई अतिशयोक्ति ना होगी । सहजन पेड़ नहीं मानव के लिए कुदरत का चमत्कार है । यह हमारे घरों के आस-पास बिना किसी देख भाल के उग आता है । स्थानीय भाषा में इसे मुनग़ा,मोरिंगा, सुरजना, सहजन नाम से जाना जाता है मुनगे का यह पौधा कुपोषण दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । अफ़्रीकन देशों में इसे माताओं का सबसे अच्छा दोस्त (mother best friend) माना जाता है।
sahjan ke fayde – सहजन के फायदे गुण लाभ Drumstick (moringa – sahjan) benefits in hindi
वहीं पश्चिमी देशों में इसे न्यूट्रीशन डाइनामाइट (nutrition dynamite) के नाम से जाना जाता है। शहजन का उपयोग सौ से अधिक तरीक़े से कुपोषण को दूर करने में किया जाता है। साथ ही हजन 300 से अधिक बीमारियों के इलाज में काम आता है। इसके साथ सहजन औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।वैवाहिक जीवन की खुशियां बनाए रखने के लिए पिएं सहजन का सूप बहुत लाभकारी है ।सहजन सेक्स पावर बढ़ाता है । सहजन के फल,फूल,पत्ती सभी बड़े काम के हैं ।

मुनग़ा, शहजन या सुरजना के फ़ायदे (sahjan ke fayde – benefits of munga or shahjan )
इसकी फलियों से स्वादिष्ट सब्ज़ी बनती है। इसकी फलियों को सेंककर खाने से इसके बीजों का स्वाद बिलकुल मूँगफली जैसा स्वाद आता है।
मुनगे के बीज से तेल, छाल,पत्ती, गोंद से आयुर्दिक दवाइयाँ, तने फूल पत्ती से खाद्य तेल प्राप्त होता है।
शहजन के 100 ग्राम पत्तियों में –
दही से 09 गुना प्रोटीन
संतरे से 07 गुना विटामिन सी
गाजर से 04 गुना विटामिन ए
केले से 15 गुना पोटेशियम
पालक से 25 गुना आयरन
दूध से 17 गुना कैलशियम
मुनगे के बीज से बने चूर्ण से पानी को शुद्ध किया जाता है। अगर हम मुनगे को संजीवनी बूटी के नाम से पुकारे तो यह ग़लत नही होगा। मुनगे की पत्तियाँ शिशु व बढ़ते बच्चों से लिए टोनिक के समान है।
मुनगे के 25 ग्राम चूर्ण से –
42 प्रतिशत प्रोटीन
125 प्रतिशत कैलशियम
6 प्रतिशत मैग्निशियम
74 प्रतिशत विटामिन ए
272 प्रतिशत विटामिन ए
22 प्रतिशत विटामिन सी मिलती है।
मुनगे की पत्तियों का जूस दूध में मिलाकर देने से बच्चों की हड्डियाँ मज़बूत होती है। महिलाओं को मुगने से कैलशियम, विटामिन, आयरन और अमीनो एसिड मिलता है। जो महिलाओं के शारीरिक विकास में बहुत लाभकारी होता है। महिलाओं के प्रसव से दौरान मुनगे का रस पिलाने से उनको प्रसव पीड़ा के कष्ट से छुटकारा मिलता है। साथ ही महिलाओं में दूध का स्राव भी बढ़ जाता है। जिससे नवजात शिशु को भरपूर पोषण मिलता है।
मुनगे को लगाने के लिए ताज़े बीजों को रात भर पानी में भिगोएँ। खाद और बालू रेत मिली 8 बाई 4 की पोलिथीन के बैग में 2 से 3 बीज प्रति बैग 1 से 2 इंच की गहराई में बीजों की बुवाई करें ।
एक महीने बाद पौधों को पोलिथीन से निकालकर 1.5 बाई 1.5 के गड्ढे में रोप दें। रोपाई करते समय धायन रखें पौधे कि पिंडी फूटने ना पाएँ। पौधा रोपण के बाद उनमें हल्की से सिंचाई कर दें। रोपाई से लगभग 6 माह बाद ये फल देने लगते हैं।
मुनगे की पत्तियाँ बहुत लाभदायक है। पत्तियों को भंडारित कर कभी समय तक उपयोग में लाया जा सकता है। मुनगे की पत्तियों को भंडारित करने के लिए इन्हें तोड़कर छाया में सूखा दें। कूटकर बारीक चूर्ण बना लें। फिर छानकर इसे एयरटाइट डिब्बे में बंद कर के रख दें। इस चूर्ण का उपयोग आप सब्ज़ी में मशाले के रूप में, काढ़ा बनाकर या फिर रोटी के आटे में गूँथकर प्रयोग में ला सकते हैं। मुनगे के चूर्ण से लड्डू व चटनी भी बना सकते हैं।
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