बौछारी (स्प्रिंकलर) सिंचाई प्रणाली व क्रियाविधि पूरी जानकारी हिंदी में पढ़ें (Read full information in Hindi (Sprinkler) irrigation system and methodology
बौछारी (स्प्रिंकलर) सिंचाई प्रणाली व प्रबंधन व क्रियाविधि-
बौछारी सिंचाई प्रणाली के मुख्य घटक:
बौछारी सिंचाई प्रणाली की क्रिया विधि:-
बौछारी सिंचाई से लाभ:
- सतही सिंचाई में पानी खेत तक पहुँचने में 15-20 प्रतिशत दूर तक अनुपयोगी रहता है।
- नहर के पानी से यह हानि 30-50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है ।
- और सतही सिंचाई में एकसा पानी नहीं पहुँचता जबकि बौछारी सिंचाई से सिंचित क्षेत्रफल 1.5 – 2 गुना बढ़ जाता है ।
- अर्थात इस विधि से सिंचाई करने पर 25-50 प्रतिशत तक पानी की सीधे बचत होती है।
- जब पानी वर्षा की भांति छिड़का जाता है । तो भूमि पर जल भराव नहीं होता है ।
- जिससे मिट्टी की पानी सोखने की दर की अपेक्षा छिड़काव कम होने से पानी के बहने से हानि नहीं होती है।
- जिन जगहों पर भूमि ऊंची-नीची रहती है ।
- वहॉ पर सतही सिंचाई संभव नहीं हो पाती उन जगहों पर बौछारी सिंचाई वरदान साबित होती है।
- बौछारी सिंचाई बलुई मिट्टी एवं बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त विधि है ।
- साथ ही यह अधिक ढाल वाली तथा ऊंची-नीची जगहों के लिए सर्वोत्तम विधि है
- इन जगहों पर सतही विधि से सिंचाई नहीं की जा सकती है।
- इस विधि से सिंचाई करने पर मृदा में नमी का उपयुक्त स्तर बना रहता है ।
- जिसके कारण फसल की वृद्धि उपज और गुणवत्ता अच्छी रहती है।
- इस विधि में सिंचाई के पानी के साथ घुलनशील उर्वरक, कीटनाशी तथा जीवनाशी या खरपतवारनाशी दवाओं का भी प्रयोग आसानी से किया जा सकता है।
- पाला पड़ने से पहले बौछारी सिंचाई पद्धति से सिंचाई करने पर तापक्रम बढ़ जाने से फसल का पाले से नुकसान नहीं होता है।
- पानी की कमी, सीमित पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में दुगना से तीन गुना क्षेत्रफल सतही सिंचाई की अपेक्षा किया जा सकता है।
- बौछारी सिंचाई के प्रयोग के समय एवं प्रयोग के बाद परीक्षण कर लेना चाहिए ।
- और कुछ मुख्य सावधानियाँ रखने से सेट अच्छी तरह चलता है।
- जैसे – प्रयोग होने वाला सिंचाई जल स्वच्छ तथा बालू एवं अत्यधिक मात्रा घुलनशील तत्वों से युक्त होना चाहिए ।
- तथा उर्वरकों, फफूंदी/खरपतवार नाशी आदि दवाओं के प्रयोग के पश्चात सम्पूर्ण प्रणाली को स्वच्छ पानी से सफाई कर लेना चाहिए।
- प्लास्टिक वाशरों को आवश्यकतानुसार निरीक्षण करते रहना चाहिए।
- और बदलते रहना चाहिए। रबर सील को साफ रखना चाहिए ।
- तथा प्रयोग के बाद अन्य फिटिंग भागों को अलग कर साफ करने के उपरान्त शुष्क स्थान पर भण्डारित करना चाहिए।