सब्जियों के आसमान छूते भाव से घर की उगाई हुई सब्जियां आत्मसंतुष्टि देने के साथ, कुछ हद तक घर का बजट नियंत्रण करने में भी सहायक होंगी। आप चाहें तो इन्हें घर के गमलों में भी लगा सकती हैं। घर की छत पर या बालकनी-बरामदे में, जहां धूप 4-5 घंटे आती हो, सब्जियां उगाकर, ताजा और पौष्टिक सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं। स्वयं की उगाई हुई सब्जियों के स्वाद की अलग ही अनुभूति होती है।
Summer Vegetable Garden
गमलों का चयन
किचन गार्डनिंग का है शौक तो अपनाएं ये आइडियाज
किचन गार्डनिंग का है शौक तो अपनाएं ये आइडियाज
कम से कम 12 इंच व्यास वाले गमले जो इतने ही गहरे होते हैं, काम में लें। बेल वाले पौधों के लिये 2-2 फीट लंबे, 1-2 फीट चौड़े और कम से कम एक फीट गहरे पात्र (प्लास्टिक के टब या लकड़ी के खोके आदि) का उपयोग कर सकते हैं।
मिट्टी का मिश्रण
दोमट मिट्टी तीन भाग, गोबर या मैंगनी की अच्छी तरह सड़ी खाद एक भाग, लीफ मोल्ड एक भाग के मिश्रण से गमले इस प्रकार भरें कि ऊपर से 2 इंच गमले खाली रहें जिससे भरपूर सिंचाई की व्यवस्था हो सके। मृदा मिश्रण भरने के पहले गमले के छेद को गमले के टूटे टुकड़ों से ढक दें।
सब्जियों का चुनाव>
गर्मियों में भिंडी, ग्वार, टमाटर, बैंगन, मिर्च, सेम, तोरई, लौकी, कद्दू, समर स्क्वैश, चौलाई आदि उगा सकते हैं। थोड़े छायादार स्थान पर धनिया भी उगाया जा सकता है। कुछ गमलों में पुदीने के कटिंग भी रोपी जा सकती है।
निराई-गुड़ाई
कीड़ों से दूर अपने पौधों को ऐसे रखें हरा भरा
कीड़ों से दूर अपने पौधों को ऐसे रखें हरा भरा
खुरपी की सहायता से गमलों में 7-10 दिन के अंतराल पर गुड़ाई करके खर-पतवार निकाल दें।
सिंचाई
सिंचाई-गमलों में क्यारियों की अपेक्षा जल्दी-जल्दी और अधिक सिंचाई की जरुरत होती है। पानी की आवश्यकता की पहचान के लिये मिट्टी की ऊपरी परत उंगली की सहायता से हटाकर नमी जांच लें। सूखी होने पर इतनी सिंचाई करें की मिट्टी गीली हो जाए।
देखभाल
समय-समय पर पीले पत्ते और तोड़ते रहें। कीड़ों का प्रकोप होने पर क्लोरोपाइरीफॉस (0.02 %) के घोल का करें तथा फफूंद जन्य रोग होने पर डाइथेन जैड -78 (0.02 %) घोल का स्प्रे करें। तीव्र धूप होने पर पौधों पर छाया का प्रबंध करें।
सब्जियों के आसमान छूते भाव से घर की उगाई हुई सब्जियां आत्मसंतुष्टि देने के साथ, कुछ हद तक घर का बजट नियंत्रण करने में भी सहायक होंगी। आप चाहें तो इन्हें घर के गमलों में भी लगा सकती हैं। घर की छत पर या बालकनी-बरामदे में, जहां धूप 4-5 घंटे आती हो, सब्जियां उगाकर, ताजा और पौष्टिक सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं। स्वयं की उगाई हुई सब्जियों के स्वाद की अलग ही अनुभूति होती है।
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गमलों का चयन
किचन गार्डनिंग का है शौक तो अपनाएं ये आइडियाज
किचन गार्डनिंग का है शौक तो अपनाएं ये आइडियाज
कम से कम 12 इंच व्यास वाले गमले जो इतने ही गहरे होते हैं, काम में लें। बेल वाले पौधों के लिये 2-2 फीट लंबे, 1-2 फीट चौड़े और कम से कम एक फीट गहरे पात्र (प्लास्टिक के टब या लकड़ी के खोके आदि) का उपयोग कर सकते हैं।
मिट्टी का मिश्रण
दोमट मिट्टी तीन भाग, गोबर या मैंगनी की अच्छी तरह सड़ी खाद एक भाग, लीफ मोल्ड एक भाग के मिश्रण से गमले इस प्रकार भरें कि ऊपर से 2 इंच गमले खाली रहें जिससे भरपूर सिंचाई की व्यवस्था हो सके। मृदा मिश्रण भरने के पहले गमले के छेद को गमले के टूटे टुकड़ों से ढक दें।
सब्जियों का चुनाव>
गर्मियों में भिंडी, ग्वार, टमाटर, बैंगन, मिर्च, सेम, तोरई, लौकी, कद्दू, समर स्क्वैश, चौलाई आदि उगा सकते हैं। थोड़े छायादार स्थान पर धनिया भी उगाया जा सकता है। कुछ गमलों में पुदीने के कटिंग भी रोपी जा सकती है।
निराई-गुड़ाई
कीड़ों से दूर अपने पौधों को ऐसे रखें हरा भरा
कीड़ों से दूर अपने पौधों को ऐसे रखें हरा भरा
खुरपी की सहायता से गमलों में 7-10 दिन के अंतराल पर गुड़ाई करके खर-पतवार निकाल दें।
सिंचाई
सिंचाई-गमलों में क्यारियों की अपेक्षा जल्दी-जल्दी और अधिक सिंचाई की जरुरत होती है। पानी की आवश्यकता की पहचान के लिये मिट्टी की ऊपरी परत उंगली की सहायता से हटाकर नमी जांच लें। सूखी होने पर इतनी सिंचाई करें की मिट्टी गीली हो जाए।
देखभाल
समय-समय पर पीले पत्ते और तोड़ते रहें। कीड़ों का प्रकोप होने पर क्लोरोपाइरीफॉस (0.02 %) के घोल का करें तथा फफूंद जन्य रोग होने पर डाइथेन जैड -78 (0.02 %) घोल का स्प्रे करें। तीव्र धूप होने पर पौधों पर छाया का प्रबंध करें।