खरपतवारों के फ़ायदे और नुक़सान (weeds benefits and loss)

सबसे पहले हम यह जान लें कि खरपतवार आख़िर क्या है? What is weed ? कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खरपतवार की परिभाषा क्या है? What is definition of weed ?

साथियों मुख्य फ़सल के अलावा खेत में उगे सभी अतिरिक्त पौधों को खरपतवार कहा जाता है।

खरपतवारों के फ़ायदे और नुक़सान (weeds benefits and loss)

फ़सल बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार उग आते हैं। जो ज़मीन से फ़सली पौधे के हिस्से की नमी, खाद व पोषक तत्व अवशोषित करते हैं। जिससे हमारी फ़सलों के पौधों को पर्याप्त पोषण नही मिल पाता। नमी व पोषण न मिलने के कारण पौधे रोग ग्रस्त हो जाते हैं। क्या आपको पता है इन खरपतवारों की वजह से फ़सल पैदावार में 50 से 70 फ़ीसदी तक की हानि होती है।

खरपतवारों के फ़ायदे (weeds benefits and loss)
खरपतवारों के फ़ायदे (weeds benefits and loss)

एक शोध के मुताबिक़ प्रति हेक्टेयर खरपतवारों के द्वारा 150 कुन्तल नाइट्रोजन शोषित कर ली जाती है। इन खरपतवारों के बीजों का अंकुरण हमारी फ़सली बीजों से पहले जो जाता है। जिससे फ़सल के पौधे नमी, व प्रकाश तथा खाद पोषण के लिए खरपतवारों से संघर्ष करते रहते हैं। खरपतवारों के फ़ायदे (weeds benefits and loss)

खरपतवारों की जड़ें भी हमारी फ़सलों के पौधों के मुक़ाबले अधिक गहराई तक जाती हैं। जो बड़े तेज़ी से नमी अवशोषित करती हैं । आप यक़ीन नही करेंगे जवासे की जड़ें 13 फ़ीट व हिरनखुरी की जड़े जड़ें ज़मीन में 20 फ़ीट तक पहुँच जाती हैं।

इन खरपतवारों के कारण किसानों को हर साल बहुत घाटा उठाना पड़ता है। kheti kisani में आइए आज का विषय आधारित है खरपतवार और उससे होने वाले हानि और लाभ के बारे में –

खरपतवारों से भूमि की नमी में प्रभाव –

खरपतवारों की जड़े मुख्य फ़सल के पौधों की जड़ों से अधिक लम्बी होती है। जिससे खरपतवार नमी ज़्यादा खींचते हैं । जिससे फ़सल के पौधों में जल की माँग अधिक बढ़ जाती है। जिससे सिंचाई में किसानों को अधिक पैसा लगाना पड़ता है।

पोषक तत्वों का अवशोषण –

खरपतवार फ़सल के पौधों से पहले उग आते हैं जिससे वह पोषक तत्वों का शोषण शुरू कर देते हैं। पौधों के लिए उपयोगी पोषक तत्व इन खरपतवारों द्वारा पहले हाई उपयोग कर लिए जाते हैं। जिससे खाद की माँग अधिक बढ़ जाती है। क़रीब 7 से 20 फ़ीसदी खाद ये खरपतवार चट कर जाते हैं ।

रोग और कीटों का आक्रमण –

ये खरपतवार फ़सलों के पौधों पर लगने वाले कीट – पतंगों व रोगों के जीवाणुओं को अपने पौधों में शरण देते हैं । जो बड़े होकर हमारी फ़सल को नुक़सान पहुँचाते हैं। सब्ज़ी की फ़सलों पर लगने वाली केरट एफिड फ़्लाई हिरनखुरी पर, केरट रस्ट फ़्लाई गाजर घास पर, व केरट ब्लाइट के रोगाणु जंगली गाजर के पौधे पर छिपे होते हैं। जो परिपक्व होकर फ़सलों को हानि पहुँचते हैं ।

सिंचाई जल का नुक़सान –

पानी की नालियों के दोनो ओर खरपतवार के पौधे होने के कारण, फ़सलों व खरपतवारों के अवशेष नाली में तैरते रहते हैं। तथा पानी के बहाव में रुकावट पैदा करते हैं। खरपतवारों की जड़ों में काफ़ी पानी रिसकर बर्बाद हो जाता है। साथ ही खरपतवार भी काफ़ी पानी अवशोषित कर लेते हैं। जिससे सिंचाई में अधिक पानी लगता है।

उपज में कमी –

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार खरपतवार मुख्य फ़सल की पैदावार 50 फ़ीसदी तक कम कर देते हैं। हमें खरपतवारों को अनदेखा करना सबसे बड़ी भूल है। अगर अच्छी पैदावार चाहिए तो खरपतवारों की रोकथाम उचित करना बहुत ज़रूरी है।

किसानो की आय में कमी –

खरपतवारों के कारण उपज में गिरावट हो जाती है। साथ ही खरपतवार नष्ट करने में काफ़ी पैसा ख़र्च हो जाता है। खाद व पानी में काफ़ी लागत आ जाती है। अगर उपज में कमी हो गयी तो, ऐसे में फ़सलों की लागत भी निकल पाती । जिससे किसानों को बहुत हानि उठानी पड़ती है।

ऐसा नही कि खरपतवारों से सिर्फ़ हानि ही होती है। कुछ खरपतवारों से फ़ायदा भी मिलता है। आइए जानते हैं खरपतवारों से लाभ के बारें में –

भूमि में पोषक तत्वों के लिए हरी खाद –

कुछ खरपतवार खेतों उगते हैं। जो अपने अंदर बहुत से पोषक तत्व बड़ी मात्रा में संचय कर लेते हैं। जब खेतों की जुताई होती है तब ये खरपतवार हरी खाद का काम करते हैं। भारतीय कृषि एवं अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली(I.C.A.R.) के शोध में पाया गया है कि जंगली मटर वातावरण से नाइट्रोजन की 1.5 से 6 फ़ीसदी तक की मात्रा का स्थरीकरण (nitrogen fixation) करती है। अब आप समझ लीजिए कि ख़ाली खेत में पानी लगाकर पलेवा लगाकर छोड़ने से कितना फ़ायदा होता है।

 

ऊसर भूमि का सुधार –

खेत में कई तरह के खरपतवार उगते हैं। क्या आप जानते हैं सैंजी व सत्यानाशी जैसे खरपतवार ऊसर ज़मीन को ठीक करते हैं। यह बिलकुल सही है। स्वयं ही ऊसर भूमि सुधार के लिए इन पौधों के उगाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें – धान की फसल में खरपतवार प्रबन्धन तकनीक जाने (Know the weed management techniques in paddy crop)

खरपतवार से आप कमा सकते हैं मुनाफ़ा –

कुछ खरपतवार हमारे खेत में उग आतें हैं जिनसे हम मुनाफ़ा भी कमा सकते हैं। कांस व सरकंडा घरों में छप्पर बनाने व कच्चे घर को पाटने के काम आता है। गाँवों में ये बड़ी आसानी से बिक जाते हैं। इसी तरफ़ मूँज व रामबास से चारपाई व बैठने के लिए चौकी बनाई जाती है। ये भी अच्छे दाम पर बिक जाती हैं।इस तरह आप खरपतवार से लाभ कमा सकते हो।

खरपतवार का दवा बनाने में उपयोग –

कुछ खरपतवार दवाओं के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। अगर कभी किसी को साँप काट ले। साँप काटने की दवा के रूप में गुंबा (leucus aspera) का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह शरीर पर खुजली व फुंसी होने पर सत्यानाशी के बीजों से बना तेल लगाने पर बहुत फ़ायदा करता है। लेमन ग्रास जैसे खरपतवारों से ख़ुशबूदार तेल बनाया जाता है। जिसका बाज़ार मूल्य काफ़ी अधिक होता है।

भूमि के कटान को रोकने में सहायक –

खरपतवारों की जड़ें ज़मीन में 13 से 20 फ़ीट अंदर तक जाती है। इससे ये मिट्टी के कणों को बांधकर मिट्टी को कटाव से रोकते हैं। जिससे बारिश में मिट्टी कटने नही पाती। मृदा क्षरण नही होता।

आशा है आपको kheti kisani का आलेख खरपतवारों के फ़ायदे (weeds benefits and loss) और नुकसान (shatawari ki kheti) अवश्य पसंद आया होगा ।kheti kisani की लेटेस्ट अपडेट के लिए आप हमें facebook पर लाइक कर सकते हैं । व twitter, instagram, Linkedin Pinterest सोशल मीडिया पर follow करें । हमारे Youtube चैनल को subscribe करें ।